इस्मा के महानिदेशक दीपक बल्लानी कहते हैं, ‘चीनी के एमएसपी में फरवरी 2019 के बाद कोई बदलाव नहीं आया है. एफआरपी में वर्ष दर वर्ष बढ़ोतरी हुई है. इसकी वजह से इनपुट कॉस्ट और आउटपुट प्राइसिंग के बीच का अंतर बढ़ता जा रहा है. जरूरी है कि चीनी के एमएसपी और गन्ने के एफआरपी को इस तरह जोड़ें कि एक साथ दूसरे की कीमत अपने आप संशोधित हो. इससे चीनी मिलें निर्बाध रूप से काम कर सकेंगी और किसानों को उनका पेमेंट समय से मिल सकेगा.’
Solar Pump Scheme: उत्तर प्रदेश सरकार ने सिंचाई व्यवस्था बेहतर करने के इरादे से किसानों को 40521 सोलर सिंचाई पंप देने की घोषणा की है. आज 26 नवंबर से ऑनलाइन आवेदन विंडो खोल दी गई है. किसानों से कहा गया है कि वे भारी छूट पर पंप पाने के लिए आवेदन जरूर करें.
अनुभवी और एक्सपर्ट मुर्गी पालक किसानों को कहना है कि बहुत से लोग चूजें को केवल मक्के या गेहूं का दाना ही खिलाते हैं. लेकिन ऐसे लोगों को मालूम होना चाहिए कि इंसान की तरह मुर्गियों को प्रयाप्त मात्रा में पोषण की जरूरत होती है.
मौसम वैज्ञानिकों और कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यदि दक्षिण भारत का बारिश पैटर्न इसी तरह अस्थिर रहा, तो आने वाले वर्षों में काली मिर्च का उत्पादन और गिर सकता है. इस फसल को संतुलित मौसम चाहिए, लेकिन जलवायु परिवर्तन इसकी सबसे बड़ी चुनौती बनता जा रहा है.