साधारण डीजल ट्रैक्टर हर घंटे में करीब 1.5 लीटर डीजल खर्च करता है, जबकि यह ई-ट्रैक्टर 5 घंटे में सिर्फ 18 से 20 यूनिट बिजली में काम कर लेता है. इससे किसान लगभग 64 फीसदी खर्च बचा सकते हैं. एक पूरे सीजन में यह बचत हजारों रुपये की हो सकती है.
गेहूं की फसल में कीट बहुत तेजी से लगते हैं. आमतौर पर कंडुआ, करनाल बंट, झुलसा, पीला और काला रतुआ, झोंका रोग और जड़ गलन जैसी बीमारियां लगती हैं. साथ ही गंधी बग, दीमक, अलसी की सुंडी, लाही और जसिड जैसे कीट भी फसल को नुकसान पहुंचा सकते हैं.