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इन छिलकों में मौजूद मैग्नीशियम, फाइबर और ऑक्सलेट पौधों की जड़ों को मजबूत बनाने के साथ मिट्टी की भी सेहत सुधारते हैं.
इसे बनाने के लिए आलू के छिलकों को 4-5 दिन पानी में भिगोकर रखें. इससे एक नैचुरल लिक्विड खाद तैयार हो जाती है.
इन छिलकों से बने लिक्विड को पौधों में डालने से पहले छान लें. इसके बाद थोड़ा पानी मिलाकर इसे पतला जरूर करें.
इसके अलावा सूखे या ताजे आलू के छिलकों को गमले की मिट्टी में मिलाने से पोषण सीधे जड़ों तक पहुंचता है.
Potato Peels Benefits - Kisan India
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आलू के छिलकों का इस्तेमाल न सिर्फ सस्ता है, बल्कि ये केमिकल फर्टिलाइजर का एक बेहतरीन नेचुरल विकल्प भी है.
पौधों में कच्चे आलू के टुकड़े डालने से इनमें फंगस नहीं पनपता. इसके साथ ही मच्छर भी पौधों से दूर रहते हैं.
नियमित रूप से इस नैचुरल फर्टिलाइजर का उपयोग करने से पौधों की पत्तियां हरी-भरी और चमकदार दिखती हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.