सानेन बकरी एक विदेशी नस्ल है जो मूल रूप से स्विट्जरलैंड से आई है. बकरी की ये नस्ल अब भारत में भी पाली जाती है.

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सानेन बकरी की खासियत है कि यह रोजाना औसतन 4 से 5 लीटर तक दूध देती है, जो काफी फायदेमंद साबित होता है.

इस बकरी को पालने में खर्चा भी बेहद कम आता है. सानेन बकरी की दूध उत्पादन क्षमता इसे बहुत लाभकारी बना देती है.

सानेन बकरी का दूध पोषक तत्वों से भरपूर माना जाता है. इस वजह से बाजार में इसका भाव भी काफी अच्छा मिलता है.

इस नस्ल की बकरी को लगभग 80 से ज्यादा देशों में पाला जाता है, जो इसकी वैश्विक लोकप्रियता को भी दिखाता है.

सानेन बकरी का स्वभाव शांत होता है, जिससे इसे संभालना आसान होता है और पालन में कोई खास दिक्कत नहीं होती.

इस बकरी के दूध के साथ-साथ इसके मांस की भी मार्केट में अच्छी डिमांड रहती है, जिससे आमदनी दोगुनी हो जाती है.

गाय की तुलना में सस्ती और कम जगह में पाली जाने वाली यह नस्ल, छोटे किसानों के लिए वरदान जैसी है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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