250 से 300 साल पहले एक संत काशी आए थे. वे अपने साथ एक खास किस्म का आम का बीज लाए और उसे उस शिव मंदिर में लगा दिया जहां वे ठहरे हुए थे. कुछ ही समय में वह पौधा बड़ा हुआ और उस पर मीठे और रसीले आम लग गए.
इस मशीन में ट्रैक्टर की हाइड्रोलिक प्रणाली का उपयोग करके हाइड्रोलिक मोटर (385 न्यूटन मीटर) और चेन-स्प्रोकेट ट्रांसमिशन सिस्टम के माध्यम से एक्सेंट्रिक स्लाइडर क्रैंक मैकेनिज्म चलाया जाता है. वहीं, बीज मापने की इकाई में वैक्यूम ट्रैक्टर के पीटीओ से चलने वाले एस्पिरेटर ब्लोअर द्वारा तैयार किया जाता है.
हर मछली पालक कम जगह में मछली पालन कर तेजी से उनका वजन बढ़ाना चाहता है, ताकि उसे कम लागत में जल्दी मुनाफा हासिल हो सके.