पहले कतरनी चावल की खेती केवल 500 एकड़ में होती थी. लेकिन जीआई टैक मिलने से इसके रेट में इजाफा हुआ, जिससे किसानों को मुनाफा होने लगा. अब जिले में करीब 3000 एकड़ में किसान इसे उगा रहे हैं.
ट्रैक्टर सिर्फ एक मशीन नहीं, किसान की जान होता है. यह खेत की जुताई से लेकर बुवाई और कटाई तक हर काम में साथ निभाता है. लेकिन गलत ट्रैक्टर का चुनाव आपकी मेहनत और पैसे दोनों को बर्बाद कर सकता है.