ट्रैक्टर बिक्री में आई यह बढ़ोतरी बताती है कि ग्रामीण इलाकों में आय और भरोसा दोनों बढ़ रहे हैं. अच्छी बारिश से खरीफ फसलों की पैदावार अच्छी रहने की उम्मीद है, जिससे किसानों के पास नई मशीनों में निवेश करने की क्षमता बढ़ी है.
खेरी नस्ल की भेड़ कम पानी और चारे में भी जीवित रह सकती है. यह मांस, ऊन और दूध उत्पादन के लिए फायदेमंद है. पालन आसान है और छोटे किसान भी इससे अच्छी कमाई कर सकते हैं. सूखे इलाकों में यह नस्ल किसानों की पसंद बनती जा रही है.
मूली की इस किस्म को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), पूसा द्वारा विकसित किया गया है. अन्य किस्मों के मुकाबले ज्यादा पैदावार देने के कारण किसानों के बीच मूली की ये किस्म काफी लोकप्रिय है. खासतौर पर इस किस्म का इस्तेमाल सर्दियों में अचार, पराठा और सलाद बनाने के लिए किया जाता है.