परंपरागत तरीकों से सिंचाई करने में अधिक पानी और श्रम की जरूरत होती थी, साथ ही पानी की बर्बादी भी काफी होती थी. लेकिन आधुनिक तकनीक ने सिंचाई के तरीके बदल दिए हैं. स्प्रिंकलर सिस्टम ऐसी ही एक आधुनिक तकनीक है, जिसने किसानों के लिए सिंचाई को आसान, सस्ता और प्रभावी बना दिया है.
मालपुरा भेड़ आज किसानों के लिए कमाई का बड़ा साधन बन गई है. इसकी ऊन की मांग तेजी से बढ़ रही है और यह रोज दूध भी देती है. देखभाल आसान है और खर्च भी कम आता है. छोटे स्तर पर शुरुआत करके किसान हर साल अच्छी आमदनी कमा सकते हैं, इसलिए इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है..
पंजाब में लगातार बारिश और बाढ़ के कारण गेहूं की बुआई इस साल देर से हो रही है. अब तक केवल 30.14 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई है. कृषि विभाग ने देर से बोने वाली PBW किस्मों की सिफारिश की है और बाढ़ प्रभावित किसानों को समय पर 1.50 लाख क्विंटल मुफ्त बीज वितरित किए गए हैं, ताकि उत्पादन प्रभावित न हो.