समिति ने यह भी कहा है कि खेती में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी डिजिटल तकनीक को बढ़ावा देना चाहिए. इससे किसानों को मौसम, कीट, बीमारी और फसल की स्थिति की सही जानकारी समय रहते मिल सकेगी.
बहुत से किसान यह मानकर चलते हैं कि जब तक ट्रैक्टर सही चल रहा है, तब तक उसकी सर्विस की जरूरत नहीं. लेकिन यह सोच ट्रैक्टर को धीमे-धीमे अंदर से खोखला कर देती है. हर 250 से 300 घंटे के उपयोग के बाद सर्विसिंग करवाना जरूरी होता है.
बरसात में बकरियों को गंदे बर्तनों में दाना-पानी देने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, जिससे दस्त और बुखार जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. ऐसे में साफ-सफाई का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.