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इस मौसम में खासकर गाय, भैंस, बकरी और भेड़ों में खुर-मुंह की बीमारी आम हो जाती है. यह संक्रामक होती है.
गीली या गंदी पशुशाला बीमारी की जड़ बन सकती है. कीचड़ न बनने दें और रोज सफाई करें.
बरसात शुरू होने से पहले एफएमडी और अन्य जरूरी टीके जरूर लगवाएं ताकि जानवर सुरक्षित रहें.
एक प्रतिशत पोटैशियम परमैगनेट के घोल से जानवरों के पैर धोएं ताकि खुर की बीमारियों से बचाव हो सके.
जीभ और मुंह की बीमारियों से बचाव के लिए बोरिक एसिड और ग्लिसरीन का पेस्ट लगाएं.
जानवरों को हर 6 महीने में एफएमडी का टीका दिलवाएं. यह बीमारी रोकने में प्रभावी होता है.
किसी भी लक्षण पर खुद इलाज करने की बजाय पशु चिकित्सक की राय लें. इससे जानवर की जान बचाई जा सकती है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.