ट्रैक्टर बिक्री में आई यह बढ़ोतरी बताती है कि ग्रामीण इलाकों में आय और भरोसा दोनों बढ़ रहे हैं. अच्छी बारिश से खरीफ फसलों की पैदावार अच्छी रहने की उम्मीद है, जिससे किसानों के पास नई मशीनों में निवेश करने की क्षमता बढ़ी है.
इस समय जानवरों में थन की सूजन (मैस्टाइटिस), टिटनस, बेबेसियोसिस और दस्त जैसी बीमारियों का खतरा रहता है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर दूध निकालने के दौरान साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा गया, तो दूध में भी सैल्मोनेला और ई. कोलाई जैसे बैक्टीरिया मिल सकते हैं.
कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में कटाई के समय हुई बारिश ने उड़द और मूंग की फसल को 30–50 फीसदी तक नुकसान पहुंचाया है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि मूंग की पैदावार 10–20 फीसदी तक घट सकती है, जबकि गुणवत्ता में 30–40 फीसदी गिरावट आएगी.