भारत-ब्रिटेन CETA समझौते के तहत अब भारत के करीब 95 फीसदी कृषि उत्पाद जैसे बासमती चावल, मोटे अनाज, कपास, मूंगफली, फल, सब्जियां, प्याज, मसाले, अचार, चाय और कॉफी यूके को ड्यूटी-फ्री निर्यात किए जा सकेंगे.
बहुत से किसान यह मानकर चलते हैं कि जब तक ट्रैक्टर सही चल रहा है, तब तक उसकी सर्विस की जरूरत नहीं. लेकिन यह सोच ट्रैक्टर को धीमे-धीमे अंदर से खोखला कर देती है. हर 250 से 300 घंटे के उपयोग के बाद सर्विसिंग करवाना जरूरी होता है.
भारत और मालदीव के बीच हुए इस समझौता ज्ञापन (MoU) के तहत दोनों देशों के मछुआरों, तकनीशियनों और वैज्ञानिकों को आपसी अनुभव साझा करने और एक-दूसरे के यहां प्रशिक्षण लेने का अवसर मिलेगा.