मत्स्य अंगुलिकाएं मछली पालन के लिए तैयार की जाने वाली छोटी मछलियां हैं. इन अंगुलिकाओं को तालाबों, नदियों या मछली फार्मों में छोड़कर मछली पालन किया जाता है.
सरकार की ओर से भारी सब्सिडी पर उपलब्ध कराई जाने वाली इन आधुनिक मशीनों की मदद से किसान रबी फसलों की बुवाई समय ले 15 से 20 दिन पहले ही कर सकेंगे. मिट्टी की नमी का बेहतर इस्तेमाल होता है, सिंचाई की जरूरत कम होती है और लागत में भी कमी आती है.
गाय-भैंसों को बरसीम, जिरका और नेपियर जैसी खास घास खिलाने से दूध उत्पादन में तेजी आती है. इससे पशु स्वस्थ रहते हैं, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और किसानों को अधिक मुनाफा मिलता है. पशुपालन से आय दोगुनी हो सकती है.